हम सभी के जीवन
में स्वच्छता का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। स्वच्छता का तात्पर्य है कि हम अपने
आस-पास के वातावरण को साफ-सुथरा रखें। स्वच्छता हमें स्वस्थ रहने तथा
बीमारियों से बचने में सहायता प्रदान करता है। भारत जैसे देश के लिए स्वच्छता का
अत्यंत महत्व है। आजकल देश में स्वच्छता का माहौल नहीं है। हर जगह फैले कूडों से
बिमारियों का खतरा सदैव बना रहता है। अस्वच्छता का मुख्य कारण लोगों में जागरूकता
की कमी है। हर जगह फैली गंदगी के कारण भारत की छवि विदेशों में लगातार धूमिल होती जा
रही है। इन सब कारणों से स्वच्छता भारत की जरूरत हो गयी है।
हमारे देश भारत
की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ जनसंख्या भी तेजी से बढ़ रही है। मशीन युग में आज हर तरफ संसाधनों का
दोहन तेजी से हो रहा है। वातावरण पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लोगों द्वारा
तेजी से जैविक संसाधनों जैसे पेट्रोलियम और कोयला आदि के प्रयोगों से प्रदूषण तेजी
से बढ़ता जा रहा है। विकासशील देशों में अशिक्षा के कारण लोगों को स्वच्छता के
प्रति जागरूक करना एक बड़ी चुनौती बन गया है।
भारत देश को अस्वच्छता के अभिशाप से मुक्त करने के लिए 2 अक्टूबर 2014 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने
स्वच्छता मिशन की शुरुआत की। उन्होनें हर भारतीय को इस दिन संकल्प लेने को कहा कि न
तो वे गंदगी करेंगे और न करने देंगे। श्री मोदी जी ने सभी सरकारी संस्थानों में
सप्ताह में 1 दिन स्वच्छता
कार्य करने को कहा। श्री मोदी जी ने स्वयं अपने हाथों में झाड़ू लेकर स्वच्छता का
आह्वाहन किया और लोगों ने भी बढ़ चढ़ कर स्वच्छता
के कार्यों में हिस्सा लिया। आज महत्त्वपूर्ण स्थलों और
शहरों के साथ-साथ नदियों और पेय जल
श्रोतों की सफाई पर भी ज़ोर दिया जा रहा है।
इसमे कोई दोराय नही है कि अब लोगों का स्वच्छता के प्रति नजरिया बदल रहा
है और लोग गंदगी फैलाने से कतराने लगे हैं। महात्मा गांधी ने कई वर्ष पूर्व कहा था
“स्वच्छता हमें ईश्वर के पास ले जाती है”। देश की वर्तमान सरकार ने 2 अक्टूबर 2019 (महात्मा गांधी की 150 वी जन्मतिथि) तक भारत को एक स्वच्छ राष्ट्र बनाने का संकल्प
लिया है और सभी देशवासी को इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रेरित भी किया है। “एक कदम स्वच्छता की ओर” यही स्वच्छ भारत मिशन का मुख्य नारा है और हमें इसका पालन करना चाहिए तभी हम अपने पर्यावरण में हरयाली
और खुशहाली ला सकेगें।
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