पृथ्वी पर बहुत
सारे जीव मौजूद है, लेकिन उन सब में से केवल
मानव ने ही अत्यधिक विकास किया है। मानव ने प्रकृति के सभी घटकों का करीब से
अध्धयन किया है और प्रकृति के कई रहस्यों को समझने में सफलता प्राप्त की
है। मानव ने आज विज्ञान द्वारा बहुत से असंभव कार्यों में सफलता अर्जित की है। विज्ञान ने आज मानव के जीवन को आसान और
खुशहाल बना दिया है। विज्ञान की प्रगति ने मानव में नई ऊर्जा का संचार किया है।
हम सभी जानते हैं
कि हर किसी चीज के दो पहलु होते हैं, अच्छा और बुरा। अर्थात् अगर कोई
वस्तु हमें सुख देती है तो कभी-कभी दुख का कारण भी बन जाती है। यदि हम विज्ञान के
लाभों का आंकलन करें तो हमें पता चलता है कि विज्ञान ने किस प्रकार
हमारे दैनिक क्रियाकलापों में एक अहम भूमिका निभाई है। एक स्थान से दुसरे स्थान
भ्रमण करना हो, शिक्षा की बात हो
या अन्य कामकाज की बात हो, हर जगह वैज्ञानिक
उपकरणों का प्रयोग दिखाई पड़ेगा।
वैज्ञानिक
उपकरणों जैसे बिजली, वाहन मोंबाईल फोन, टी0वी0, कम्प्यूटर, आदि के बिना हमारी जिन्दगी निरस और खाली
प्रतित होती है। वैज्ञानिक अविस्कारों ने हमारी जिन्दगी को अत्यन्त सरल बना दिया है। आज विश्व
का प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में एक-दूसरे से जुड़ा हुआ हैं। विज्ञान के द्वारा
ही हम संसार में होने वाली सभी गतिविधियों से अवगत रहते हैं।
इन सभी लाभों के बावजूद हम विज्ञान के दुष्प्रभावों को नजरअंदाज नहीं कर
सकते। विज्ञान द्वारा हमारा जीवन अवश्य ही सरल हुआ है परन्तु साथ ही विभिन्न
प्रकार के रोग, प्रदुषण और
प्राकृतिक खतरे पैदा हो गए हैं। तेजी से बढ़ते शहरीकरण और औद्योगिक गतिविधियों के
फलस्वरुप प्रदुषण की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है। वायु, पेयजल और भूमि प्रदुषण से हमारे साथ-साथ पृथ्वी पर मौजूद
सभी जीवों के अस्तित्व पर संकट आ गया है। आज वनों की अंधाधुन कटाई और प्रदुषण के
कारण ही कई प्रकार के वन्य जीव और वनस्पतियाँ या तो विलुप्त हो गयी हैं या विलुप्ति
के कगार पर हैं। आज संसार के विभिन्न क्षेत्रों में वर्षा तथा तापमान में विषमता आ
चुकी है।
आज प्रगति अपना
नैसर्गिक सौन्दर्य खो रही है। अतः हम सभी को विज्ञान के सीमित प्रयोग को
प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि पर्यावरण को संरक्षित किया जा सके। इस प्रकार ही हम
प्रकृति को संरक्षित करने के साथ विज्ञान का लाभ उठा सकेंगे।
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