रक्षाबंधन भारत के प्रमुख
त्योहारों में से एक है। रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और आदर का त्योहार है। रक्षाबंधन
का त्योहार श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रक्षा-सूत्र को ही राखी भी कहा
जाता है। रक्षाबंधन
भाई-बहन के लिए एक प्रमुख पर्व माना जाता है। प्रत्येक बहन को महीने पूर्व से ही
इस पर्व की प्रतीक्षा रहती है।
इस अवसर पर बहनें
भाइयों की कलाई पर राखी बाँधती हैं। वे भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं तथा राखी
बाँधकर उनका मुँह मीठा करती हैं। भाई प्रसन्न होकर बहन को कुछ उपहार स्वरुप देता
है। परिवार में प्रेम, सौहार्द और खुशी का
माहौल होता है ।
रक्षाबंधन के
अवसर पर बाजारों में चहल-पहल होती है। रंग-बिरंगी राखियों से दुकानों की रौनक बढ़
जाती है। बहने अपनें भाईयों के लिए तरह-तरह की राखी खरीदती हैं। हलवाई की दुकानों
में बहुत भीड़ होती है। लोग उपहार और मिठाइयां खरीदकर घर ले जाते हैं। घरों में
विशेष पकवान बनाए जाते हैं। रक्षाबंधन के दिन दान का भी विशेष महत्त्व होता है। गरीबों
को भोजन कराया जाता है तथा दान-दक्षिणा दी जाती है।
रक्षाबंधन परिवार
के सदस्यों के बीच मेल-मिलाप बढ़ाने वाला त्योहार है। इस अवसर पर परिवार के सभी
सदस्य इकट्ठे होते हैं। बहन भाई की कलाई पर राखी बाँधकर उससे अपनी रक्षा का वचन
लेती है। भाई इस वचन का पालन करता है। इस तरह पारिवारिक संबंधों में मजबूती आती है
और आपसी सहयोग बढ़ता है। रक्षाबंधन का त्योहार समाज में प्रेम और भाईचारा बढ़ाने का
कार्य करता है। संसार भर में यह अनूठा पर्व है। इसमें हमें भारत देश की प्राचीन
संस्कृति और सभ्यता की झलक देखने को मिलती है।
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