Essay Pathshala is a blog designed for simple and easy article writing purpose. This blog contains a variety of essay on various topics like Important personalities, animals and birds, cities, places, Nature and lifestyle, etc.

Breaking

Saturday, 26 January 2019

मित्रता



मित्रता ईश्वर द्वारा प्रदत्त अतुलनीय भेट है जो समस्त जीवों को किसी न किसी रुप में एक दुसरे से जोड़ती है। मित्रता एक ऐसा आत्मीय संबंध है जो हम सभी को मानसिक रूप से जोड़ता है। मानव जीवन में मित्रता का महत्त्व सर्वोपरि है और समय-समय पर इसकी पराकाष्ठा हमें आनंन्दित और प्रफुल्लित करती है।


मित्रता बनी बनाई नही होती यह सहज ही स्थापित हो जाती है। मित्रता का भाव सच्ची भावना से ही प्रेरित होता है। समय-समय पर सच्ची मित्रता के अनेक उदाहरण मिलते हैं। महाभारत काल में  श्री कृष्ण-सुदामा और सनातन युग में भगवान राम और सुग्रीव की मित्रता जैसे अनेको प्रसंग मिलते हैं जिनसे पता चलता है कि आदि काल से मित्रता का भाव निस्वार्थ रुप से विद्मान थी।


मित्र बनना एक सहज प्रकिया है जिसकी शुरुवात बाल्यकाल से हो जाती है। जब हम पढ़ने हेतु विद्यालय अथवा शिक्षण संस्थान जाते हैं तो अनायास ही बहुत से मित्र बन जाते हैं। मित्रों के चुनाव करते समय हमें सावधानी बरतनी चाहिए। अच्छे मित्र से हमारा जीवन सुंदर और खुशहाल हो जाता है वहीं बुरे मित्र हमारे जीवन में पतन का कारण बन जाते हैं। हमें अवसरवादी मित्रों से सावधान रहना चाहिए।


हमें अपने जीवन में मित्र अवश्य ही बनाने चाहिए। यद्यपि सच्चे मित्र विरले ही मिलते हैं। धूर्त और मतलबी व्यक्तित्व के लोग अपने मित्रों को धोखा देने में तनिक भी संकोच नहीं करते हैं। हमें अपनी मित्रता निस्वार्थ भाव से निभानी चाहिए।

No comments:

Post a Comment

Pages